लोक अदालत में 2 करोड़ रूपए के अवार्ड हुए पारित

होशंगाबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री एस.के.पी.कुलकुर्णी ने नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। न्यायाधीश श्री कुलकर्णी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यापर्ण कर विधिवत नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। शुभारंभ अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री भूपेन्द्र सोनकर, एडीजे निहारिका सिंह, एडीजे-2 श्री अवधेश सिंह, सीजीएम श्री सुरेश कुमार, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मयंक शुक्ला, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रदीप चौबे, पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शंशाक गर्ग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिकारी सनातन सेन, जिला नाजिर जेनेन्द्र मर्सकोले सहित अधिवक्तगण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण मौजूद थे।

42 खंडपीठों का गठन - नेशनल लोक अदालत जिला मुख्यालय के अलावा जिले की सभी तहसील न्यायालय परिसर में आयोजित की गई थी। जिला सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर विभिन्न मामलो के निराकरण के लिए कुल 42 खंडपीठो का गठन किया गया था इनमें से 22 न्यायिक खंडपीठ तथा 20 गैर न्यायिक खंडपीठ बनाई गई थी।

नेशनल लोक अदालत में आए प्रकरण - जिला मुख्यालय एवं तहसील न्यायालयो में आयोजित नेशनल लोक अदालत में लगभग 14 हजार 144 मामले आएं जिनमें से जिले के विभिन्न न्यायालयों में लंबित कुल 5 हजार 761 प्रकरणों एवं विभिन्न विभागों एवं राजस्व से जुडे लगभग 8 हजार 383 प्रकरण आएं। इन सभी प्रकरणो का यथासंभव आपसी राजीनामें एवं बातचीत द्वारा तथा सभी संबंधित पक्षो को सुनकर निराकरण किया गया।

दो करोड़ के अवार्ड पारित - मुख्यालय एवं तहसील न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत में लगभग 2 करोड़ 2 लाख 77 हजार 785 रूपए की राशि के अवार्ड पारित हुए जिनमें राजस्व एवं अन्य विभागो के लंबित प्रकरणो की राशि 10 लाख 26 हजार 402 रूपए है। साथ ही न्यायालयो में लंबित राशि 1 करोड़ 92 लाख 51 हजार 383 रूपए है।

विभिन्न प्रकरणो का हुआ निराकरण - जिला मुख्यालय एवं तहसील न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत में विभिन्न लंबित न्यायालयीन एवं राजस्व व विभागीय प्रकरणो का निराकरण किया गया। विभिन्न न्यायालयों में लंबित मोटर दुर्घटना क्लेम के 604 प्रकरणो में 47 लाख 88 हजार की अवार्ड राशि पारित हुई। रिकवरी के 1 हजार 107 प्रकरणो में 39 लाख 96 हजार 488 रूपए के, अपराधिक प्रकरणों में 1 हजार 158 प्रकरण के विरूद्ध कोई अवार्ड पारित नही हुआ किन्तु 198 को लाभ प्राप्त हुआ। पारिवारिक झगड़े विशेष तौर पर पति-पत्नी के आपसी विवाद के 373 प्रकरणों में 58 हजार 500 रूपए की राशि के अवार्ड पारित हुए। श्रम विवाद से संबंधित 25 प्रकरणो में 1 लाख 21 हजार रूपए, अन्य 53 प्रकरणों में 16 लाख 22 हजार 173 रूपए के अवार्ड पारित हुए। विभिन्न बैकों के रिकबरी से संबंधित 115 केसो में 85 लाख 28 हजार 714 रूपए की राशि वसूली गई। सिविल प्रकरणों में 291 प्रकरणो के विरूद्ध 4 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। विद्युत बिल से संबंधित 2 हजार 35 केसो में 1 लाख 36 हजार 508 रूपए की राशि जमा कराई गई। विभिन्न विभागो एवं राजस्व से जुड़े प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही की गई। नेशनल लोक अदालत में बैंक रिकबरी से संबंधित 5 हजार 311 केसो का निपटारा किया गया, इन केसो में संबंधित पक्षो से सुलभ समझौते के द्वारा 17 हजार रूपए की रिकबरी की राशि जमा कराई गई। श्रम विवाद के 2 मामलो में 3 हजार 392 रूपए के अवार्ड पारित हुए। विद्युत बिल से संबंधित 1 हजार 559 मामले सामने आए जिसमें मामलो का निराकरण कर 1 लाख 15 हजार रूपए की राशि संबंधित पक्ष से जमा कराई गई। जल उपभोक्ता प्रभार के 503 मामलो का निराकरण कर 1 लाख 8 हजार 180 रूपए की अवार्ड राशि पारित की गई। अन्य सिविल प्रकरणो के 36 मामलो में 2 लाख 46 हजार 800 रूपए की, अन्य 770 प्रकरणो में 5 लाख 36 हजार 30 रूपए की राशि के अवार्ड पारित किये गये।

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